scriptकॉल करने पर भी नहीं नहीं पहुंची पशु एम्बुलेंस | Animal ambulance not reached even on call | Patrika News

कॉल करने पर भी नहीं नहीं पहुंची पशु एम्बुलेंस

locationसूरतPublished: Oct 16, 2018 10:57:19 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

पुलिस समन्वय रेस्क्यू टीम नेे बचाई गाय की जान, बछड़़े की मौत

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कॉल करने पर भी नहीं नहीं पहुंची पशु एम्बुलेंस


वापी. गुंजन विस्तार में सोमवार को एक गाय का बछड़ा पेट में ही मर गया, लेकिन समय पर पुलिस समन्वय की रेस्क्यू टीम पहुंचकर राता पांजरापोल के एम्बुलेन्स कर्मचारियों के सहयोग से किसी तरह गाय की जान बचा ली।
जानकारी के अनुसार सुबह करीब 11 बजे गुंजन में हाउसिंग के पास एक गाय को काफी देर से तड़पता देखकर कुछ स्थानीय मुस्लिम युवक पहुंचे। देखा तो गाय को पेट से बछड़े के दो पैर बाहर निकले हुए थे। इसके बाद उन्होंने राता पांजरापोल और सरकार द्वारा पशुओं के लिए शुरू एम्बुलेन्स के 1962 नम्बर पर कॉल किया, लेकिन कोई नहीं आया। बताया गया है कि पशु एम्बुलेन्स वलसाड के अलावा कहीं नहीं आ सकती। स्थानीय लोगों की कोशिशों के बाद भी कई घंटे तक गाय वहां तड़पती रही। शाम करीब सात बजे पुलिस समन्वय टीम को पता चलने पर वहां रेस्क्यू टीम के मुकेश उपाध्याय, वर्धमान शाह और राजेश शर्मा समेत अन्य लोग पहुंचे। वहां गाय की हालत ज्यादा खराब देखकर किसी तरह राता पांजरापोल एम्बुलेन्स को बुलाया गया। जहां सभी ने मिलकर किसी तरह गाय के पेट से मरा हुआ बच्चा निकाला और गाय का जरूरी उपचार किया। इससे गाय बच गई। बताया गया है कि और ज्यादा देरी होती तो गाय की भी मौत हो सकती थी। बाद में गाय को छोड़ दिया गया और बछड़े को अंतिम संस्कार के लिए राता पांजरापोल भेज दिया गया।
अवैध निर्माण पर प्रशासन की कार्रवाई
सिलवासा. सिलवासा में अवैध निर्माणों पर कार्रवाई का दौर जारी है। मंगलवार को पीडीए विभाग ने अवैध तरीके से बनाए गए दो मंजिला इमारत पर हथौड़ा चलाया है। बिना कंस्ट्रक्शन परमिशन एवं बिना ओक्युपेंसी के बनी इमारतों पर प्रशासन की कार्रवाई से अवैध निर्माण करने वालों में हडक़ंप मच गया है। पीडीए अधिकारी मोहित मिश्रा की देखरेख में पुलिस बल की उपस्थिति में अवैध निर्माण के हिस्से को ध्वस्त किया गया।
उल्लेखनीय है कि निर्माणकार्य के लिए योजना व विकास प्राधिकरण के साथ नगरपालिका और अग्निशमन विभाग की मंजूरी लेनी जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों में वाणिज्यिक इमारत निर्माण के लिए वन विभाग की भी मंजूरी लेना जरूरी है। शहर में अब तक दो बिल्डिंग अवैध घोषित करके तोड़ी जा चुकी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई इमारतें अवैध तरीके से बनाई गई हैं, जिन पर प्रशासन ने कार्रवाई आरम्भ कर दी है। पिछले दो माह में प्रशासन ने तीन जगह अवैध इमारतें ध्वस्त की हैं।
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